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पे मैनेजर प्रश्नावली



प्रश्न - यदि कोई महिला कार्मिक maternity leave पूर्ण करने के बाद भी मजबूरी वश Join नहीं कर पाये तो उसको कौनसा अवकाश दिया जाएगा ?*
🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵

उत्तर➡वित्त विभाग के आदेश क्रमांक-एफ-1(5)वित्त/नियम/96 दिनांक 26.02.2002 के अनुसार मातृत्व अवकाश के साथ CL के अलावा अन्य कोई भी अवकाश लिया जा सकता है

आज का प्रेरक प्रसंग

*आज का प्रेरक प्रसंग*
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*💐इससे क्या होगा💐*

रामू काका अपनी ईमानदारी और नेक स्वाभाव के लिए पूरे गाँव में प्रसिद्द थे। एक बार उन्होंने अपने कुछ मित्रों को खाने पर आमंत्रित किया। वे अक्सर इस तरह इकठ्ठा हुआ करते और साथ मिलकर अपनी पसंद का भोजन बनाते।

आज भी सभी मित्र बड़े उत्साह से एक दुसरे से मिले और बातों का दौर चलने लगा।

जब बात खाने को लेकर शुरू हुई तभी काका को एहसास हुआ कि नमक तो सुबह ही ख़त्म हो गया था।

काका नमक लाने के लिए उठे फिर कुछ सोच कर अपने बेटे को बुलाया और हाथ में कुछ पैसे रखते हुए बोले, “ बेटा, जा जरा बाज़ार से एक पुड़िया नमक लेता आ..”

“जी पिताजी।”, बेटा बोला और आगे बढ़ने लगा।

“सुन”, काका बोले, “ ये ध्यान रखना कि नमक सही दाम पे खरीदना, ना अधिक पैसे देना और ना कम।”

बेटे को आश्चर्य हुआ, उसने पूछा, “पिताजी, अधिक दाम में ना लाना तो समझ में आता है, लेकिन अगर कुह मोल भाव करके मैं कम पैसे में नामक लाता हूँ और चार पैसे बचाता हूँ तो इसमें हर्ज़ ही क्या है?”

“नहीं बेटा,” काका बोले, “ ऐसा करना हमारे गाँव को बर्वाद कर सकता है! जा उचित दाम पे नामक लेकर आ।”

काका के मित्र भी ये सारी बात सुन रहे थे, किसी ने बोला, “ भाई, तेरी ये बात समझ ना आई, कम दाम पे नमक लेने से अपना गाँव कैसे बर्वाद हो जाएगा?”,

काका बोले, “ सोचो कोई नमक कम दाम पे क्यों बेचेगा, तभी न जब उसे पैसों की सख्त ज़रूरत हो। और जो कोई भी उसकी इस स्थिति का फायदा उठाता है वो उस मजदूर का अपमान करता है जिसने पसीना बहा कर..कड़ी मेहनत से नमक बनाया होगा”

“लेकिन इतनी सी बात से अपना गाँव कैसे बर्वाद हो जाएगा?”, मित्रों ने हँसते हुए कहा।

*“शुरू में समाज के अन्दर कोई बेईमानी नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे हम लोग इसमें एक-एक चुटकी बेईमानी डालते गए और सोचा कि इतने से क्या होगा, पर खुद ही देख लो हम कहाँ पहुँच गए हैं… आज हम एक चुटकी ईमानदारी के लिए तरस रहे हैं!”*

*हमें छोटे-छोटे मसलों में भी पूरी तरह ईमानदार होने की सीख देती है और हमें दूसरों के प्रति संवेदनशील होना सिखाती है।*

*अपने दिन प्रतिदिन के जीवन में हम बहुत बार ऐसा व्यवहार करते हैं जो हम भी अन्दर से जानते हैं कि वो गलत है। पर फिर हम ये सोच कर कि “इससे क्या होगा!”, अपने आप को समझा लेते हैं और गलत काम कर बैठते हैं और इस तरह समाज में अपने हिस्से की बेईमानी डाल देते हैं। चलिए, हम सब प्रयास करें कि ईमानदारी की बड़ी-बड़ी मिसाल कायम करने से पहले अपनी रोज-मर्रा की ज़िन्दगी में ईमानदारी घोलें और एक चुटकी बेईमानी को एक चुटकी ईमानदारी से ख़त्म करें!*

*यूट्यूब चैनल लिंक*🔻🔻🔻

http://www.youtube.com/c/arjguru

*👬📚एज्युकेशन न्यूज़ ग्रुप📚👭*

प्रेरक प्रसंग

👬📚 *आज का प्रेरक प्रसंग*📚👬
*जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है - वही सच्चा हीरा है!!*

 
*एक राजा का दरबार लगा हुआ था। सर्दियों के दिन थे, इसीलिये राजा का दरबार खुले में बैठा था। पूरी आम सभा सुबह की धूप मे बैठी थीl*
​​
*महाराज ने सिंहासन के सामने एक मेज रखवा रखी थी। पंडित लोग दीवान आदि सभी दरबार में बैठे थे ।*

*राजा के परिवार के सदस्य भी बैठे थे।*

*उसी समय एक व्यक्ति आया और राजा से दरबार में मिलने की आज्ञां मांगी। प्रवेश मिल गया तो उसने कहा, मेरे पास दो वस्तुएँ हैं, बिलकुल एक जैसी लेकिन एक नकली है और एक असली, मै हर राज्य के राजा के पास जाता हूँ और उन्हें परखने का आग्रह करता हूँ, लेकिन कोई परख नही पाता, सब हार जाते है और मैं विजेता बनकर घूम रहा हूँ ।*

*अब आपके नगर मे आया हूँ।*

*राजा ने उसे दोनों वस्तुओं को पेश करने का आदेश दिया।*

*तो उसने दोनों वस्तुयें टेबल पर रख दीं।  बिल्कुल समान आकार समान रुप रंग, समान प्रकाश, सब कुछ नख शिख समान। राजा ने कहा, ये दोनों वस्तुएँ एक हैं, तो उस व्यक्ति ने कहा, हाँ दिखाई तो एक सी देती है लेकिन हैं भिन्न। इनमें से एक है बहुत कीमती हीरा और एक है काँच का टुकडा, लेकिन रूप रंग सब एक है। कोई आज तक परख नही पाया कि कौन सा हीरा है और कौन सा काँच? कोई परख कर बताये कि ये हीरा है या काँच। अगर परख खरी निकली तो मैं हार जाऊँगा और यह कीमती हीरा मै आपके राज्य की तिजोरी में जमा करवा दूँगा, यदि कोई न पहचान पाया तो इस हीरे की जो कीमत है उतनी धनराशि आपको मुझे देनी होगी। इसी प्रकार मैं कई राज्यों से जीतता आया हूँ।*

*राजा ने कई बार उन दोनों वस्तुओं को गौर से देखकर परखने की कोशिश की और अंत में हार मानते हुए कहा- मैं तो नहीं परख सकूंगा।*

*दीवान बोले- हम भी हिम्मत नही कर सकते, क्योंकि दोनो बिल्कुल समान है।*

*सब हारे, कोई हिम्मत नही जुटा पाया। हारने पर पैसे देने पडेंगे, इसका किसी को कोई मलाल नहीं था क्योंकि राजा के पास बहुत धन था लेकिन राजा की प्रतिष्ठा गिर जायेगी, इसका सबको भय था।*

*कोई व्यक्ति पहचान नही पाया। आखिरकार पीछे थोडी हलचल हुई। एक अंधा आदमी हाथ मे लाठी लेकर उठा। उसने कहा, मुझे महाराज के पास ले चलो, मैंने सब बाते सुनी हैं और यह भी सुना कि कोई परख नहीं पा रहा है। एक अवसर मुझे भी दो। एक आदमी के सहारे वह राजा के पास पहुचा उसने राजा से प्रार्थना की- मैं तो जनम से अंधा हूँ फिर भी मुझे एक अवसर दिया जाये जिससे मैं भी एक बार अपनी बुद्धि को परखूँ और हो सकता है कि सफल भी हो जाऊँ और यदि सफल न भी हुआ तो वैसे भी आप तो हारे ही हैं।*

*राजा को लगा कि इसे अवसर देने मे कोई हर्ज नहीं है और राजा ने उसे अनुमति दे दी। उस अंधे आदमी को दोनों वस्तुएं उसके हाथ में दी गयी और पूछा गया कि इनमे कौन सा हीरा है और कौन सा काँच?*

*कहते हैं कि उस आदमी ने एक मिनट मे कह दिया कि यह हीरा है और यह काँच। जो आदमी इतने राज्यों को जीतकर आया था वह नतमस्तक हो गया और बोला सही है, आपने पहचान लिया! आप धन्य हैं।*

*अपने वचन के मुताबिक यह हीरा मैं आपके राज्य की तिजोरी मे दे रहा हूँ। सब बहुत खुश हो गये और जो आदमी आया था वह भी बहुत प्रसन्न हुआ कि कम से कम कोई तो मिला परखने वाला। राजा और अन्य सभी लोगो ने उस अंधे व्यक्ति से एक ही जिज्ञासा जताई कि, 'तुमने यह कैसे पहचाना कि यह हीरा है और वह काँच?'*

*उस अंधे ने कहा- सीधी सी बात है राजन, धूप में हम सब बैठे हैं, मैंने दोनो को छुआ। जो ठंडा रहा वह हीरा, जो गरम हो गया वह काँच।*


*यही बात हमारे जीवन में भी लागू होती है, जो व्यक्ति बात बात में अपना आप खो देता है, गरम हो जाता है और छोटी से छोटी समस्याओं में उलझ जाता है वह काँच जैसा है और जो विपरीत* *परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है और बुद्धि से काम लेता है वही सच्चा हीरा है।* का प्रेरक प्रसंग*📚👬
*जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है - वही सच्चा हीरा है!!*

 
*एक राजा का दरबार लगा हुआ था। सर्दियों के दिन थे, इसीलिये राजा का दरबार खुले में बैठा था। पूरी आम सभा सुबह की धूप मे बैठी थीl*
​​
*महाराज ने सिंहासन के सामने एक मेज रखवा रखी थी। पंडित लोग दीवान आदि सभी दरबार में बैठे थे ।*

*राजा के परिवार के सदस्य भी बैठे थे।*

*उसी समय एक व्यक्ति आया और राजा से दरबार में मिलने की आज्ञां मांगी। प्रवेश मिल गया तो उसने कहा, मेरे पास दो वस्तुएँ हैं, बिलकुल एक जैसी लेकिन एक नकली है और एक असली, मै हर राज्य के राजा के पास जाता हूँ और उन्हें परखने का आग्रह करता हूँ, लेकिन कोई परख नही पाता, सब हार जाते है और मैं विजेता बनकर घूम रहा हूँ ।*

*अब आपके नगर मे आया हूँ।*

*राजा ने उसे दोनों वस्तुओं को पेश करने का आदेश दिया।*

*तो उसने दोनों वस्तुयें टेबल पर रख दीं।  बिल्कुल समान आकार समान रुप रंग, समान प्रकाश, सब कुछ नख शिख समान। राजा ने कहा, ये दोनों वस्तुएँ एक हैं, तो उस व्यक्ति ने कहा, हाँ दिखाई तो एक सी देती है लेकिन हैं भिन्न। इनमें से एक है बहुत कीमती हीरा और एक है काँच का टुकडा, लेकिन रूप रंग सब एक है। कोई आज तक परख नही पाया कि कौन सा हीरा है और कौन सा काँच? कोई परख कर बताये कि ये हीरा है या काँच। अगर परख खरी निकली तो मैं हार जाऊँगा और यह कीमती हीरा मै आपके राज्य की तिजोरी में जमा करवा दूँगा, यदि कोई न पहचान पाया तो इस हीरे की जो कीमत है उतनी धनराशि आपको मुझे देनी होगी। इसी प्रकार मैं कई राज्यों से जीतता आया हूँ।*

*राजा ने कई बार उन दोनों वस्तुओं को गौर से देखकर परखने की कोशिश की और अंत में हार मानते हुए कहा- मैं तो नहीं परख सकूंगा।*

*दीवान बोले- हम भी हिम्मत नही कर सकते, क्योंकि दोनो बिल्कुल समान है।*

*सब हारे, कोई हिम्मत नही जुटा पाया। हारने पर पैसे देने पडेंगे, इसका किसी को कोई मलाल नहीं था क्योंकि राजा के पास बहुत धन था लेकिन राजा की प्रतिष्ठा गिर जायेगी, इसका सबको भय था।*

*कोई व्यक्ति पहचान नही पाया। आखिरकार पीछे थोडी हलचल हुई। एक अंधा आदमी हाथ मे लाठी लेकर उठा। उसने कहा, मुझे महाराज के पास ले चलो, मैंने सब बाते सुनी हैं और यह भी सुना कि कोई परख नहीं पा रहा है। एक अवसर मुझे भी दो। एक आदमी के सहारे वह राजा के पास पहुचा उसने राजा से प्रार्थना की- मैं तो जनम से अंधा हूँ फिर भी मुझे एक अवसर दिया जाये जिससे मैं भी एक बार अपनी बुद्धि को परखूँ और हो सकता है कि सफल भी हो जाऊँ और यदि सफल न भी हुआ तो वैसे भी आप तो हारे ही हैं।*

*राजा को लगा कि इसे अवसर देने मे कोई हर्ज नहीं है और राजा ने उसे अनुमति दे दी। उस अंधे आदमी को दोनों वस्तुएं उसके हाथ में दी गयी और पूछा गया कि इनमे कौन सा हीरा है और कौन सा काँच?*

*कहते हैं कि उस आदमी ने एक मिनट मे कह दिया कि यह हीरा है और यह काँच। जो आदमी इतने राज्यों को जीतकर आया था वह नतमस्तक हो गया और बोला सही है, आपने पहचान लिया! आप धन्य हैं।*

*अपने वचन के मुताबिक यह हीरा मैं आपके राज्य की तिजोरी मे दे रहा हूँ। सब बहुत खुश हो गये और जो आदमी आया था वह भी बहुत प्रसन्न हुआ कि कम से कम कोई तो मिला परखने वाला। राजा और अन्य सभी लोगो ने उस अंधे व्यक्ति से एक ही जिज्ञासा जताई कि, 'तुमने यह कैसे पहचाना कि यह हीरा है और वह काँच?'*

*उस अंधे ने कहा- सीधी सी बात है राजन, धूप में हम सब बैठे हैं, मैंने दोनो को छुआ। जो ठंडा रहा वह हीरा, जो गरम हो गया वह काँच।*


*यही बात हमारे जीवन में भी लागू होती है, जो व्यक्ति बात बात में अपना आप खो देता है, गरम हो जाता है और छोटी से छोटी समस्याओं में उलझ जाता है वह काँच जैसा है और जो विपरीत* *परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है और बुद्धि से काम लेता है वही सच्चा हीरा है।*

Important Full Form Regarding Education System

Important Full Form Regarding Education System
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NUEPA National University of Educational Planning and Administration
राष्ट्रीय शैक्षिक नियोजन एवं प्रशासन विश्वविद्यालय

NIEPA National Institute of Educational Planning and Administration
राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान
KVS Kendriya Vidyalaya Sangathan
केंद्रीय विद्यालय संगठन

NIOS National Institute of Open Schooling
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान

DEO District Education Officer
जिला शिक्षा अधिकारी

BEEO Block Elementry Education Officer
खंड जिला शिक्षा अधिकारी

ADEO Aditional District Education Officer
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी

SIRET State Institute of Education Research and Training
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान

DIET District Institute of Education and Training
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान

RSTB Rajasthan State Textbook Board
राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल

RCEE Rajasthan Council of Elementry Education
राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद

RKSB Rajasthan Shiksha Karmi Board
राजस्थान शिक्षाकर्मी बोर्ड

RMB Rajasthan Madarsa Board
राजस्थान मदरसा बोर्ड

CABE Central Advisory Board of Education
केंद्रीय सलाहकार शिक्षा परिषद

MIS Management Information System
प्रबंध सूचना प्रणाली

EMIS Educational Management Information System
शैक्षिक प्रबंध सूचना प्रणाली

PMIS Project Management Information System
परियोजना प्रबंध सूचना प्रणाली

DISE District Information System for Education
जिला शिक्षा सूचना प्रणाली

DPEP District Primary Education Program
जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम

BRC Block Resource Center
खण्ड संदर्भ केन्द्र

BRCF Block Resource Center Fecilitator
खण्ड संदर्भ केन्द्र सहयोगी

CRCF Cluster Resource Center Fecilitator
संकुल संदर्भ केन्द्र सहयोगी

RP Resource Person
संदर्भ व्यक्ति

DPC District Project Co-ordinator
जिला परियोजना समन्वयक

ADPC Assistant District Project Co-ordinator
सहायक जिला परियोजना समन्वयक

DCF Data Capture Format
सूचना संकलन प्रपत्र

NTSE National Talent Search Examination
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा

IEDSS Inclusive Education for Disabled at Secondary Stage
माध्यमिक स्तर पर निशक्तजन हेतु समावेशी शिक्षा

NMMS National Main Examination of Maths & Science
राष्ट्रीय गणित एवं विज्ञान मुख्य परीक्षा

STC School Teacher Course
विद्यालय शिक्षक कोर्स

SMC School Management Committee
विद्यालय प्रबंधन समिति

SSA Sarva Shiksha Abhiyan
सर्व शिक्षा अभियान

RMSA Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan
राष्टीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

MHRD Ministry of Human Resource Development
मानव संसाधन विकास मंत्रालय

NPEGEL National Programme of Education For Girls at Elementary Level
प्रारंभिक स्तर पर बालिका शिक्षा हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम

CALP Computer Aided Learning Program
कॉम्पुटर आधारित अधिगम कार्यक्रम

KGBV Kastoorba Gandhi Balika Vidyalaya
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय
TLM Teacher Learning Meterial
शिक्षण अधिगम सामग्री
TLE Teaching Learning Equipment
शिक्षण अधिगम उपकरण
NCF National Curriculum Framework
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा
RCE Regional College of Education
क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय
RIE Regional Institute of Education
क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान
DMS Demonstration Multipurpose School
बहुउद्देशीय प्रदर्शन विद्यालय
RBSE Rajasthan Board of Secondary Education
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
BSER Board of Secondary Education of Rajasthan
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
POA Program of Action
प्रोग्राम ऑफ एक्शन
PPP Public Private Partnership
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप
IASE Institute of Advanced Studies in Education
उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान
CTE College of Teacher Education
शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय
REI Rajasthan Education Initiative
राजस्थान शिक्षा पहल
CII Confederation of Indian Industry
भारतीय उद्योग परिसंघ
WEF World Economic Forum
विश्व आर्थिक मंच
GeSCI Globel E-School and Communities Initiative
वैश्विक ई-विद्यालय एवं सामुदायिक पहल
RMS Rashtriya Military School
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल
EBB Educational Backward Block
शैक्षिक पिछड़े खंड
ICT Information and Communications Technology
सूचना प्रौद्योगिकी
EduSet Education Settelite
शैक्षिक उपग्रह
CSC Common Service Center
साधारण सेवा केंद्र
RTI Right To Information
सूचना का अधिकार
RTE Right To Education
शिक्षा का अधिकार
IGNOU Indira Gandhi National Open University
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
CIET Central Institute of Educational Technology
केन्द्रीय शैक्षिक तकनीकी संस्थान
HM Head Master
प्रधानाध्यापक

PAY MANAGER पर यात्रा भत्ता बिल ऑनलाइन कैसे बनायें?

PAY MANAGER पर यात्रा भत्ता बिल ऑनलाइन कैसे बनायें?

राजकीय कार्य हेतु एक राज्य कार्मिक/अधिकारी को यात्रा करनी पड़ती है। इस यात्रा में होने वाले व्यय के पुनर्भरण हेतु निम्नानुसार प्रक्रिया अपनानी पड़ती है-

पुनर्भरण हेतु योग्य राजकीय यात्रा।
1. यात्रा राज्यहित में की गई हो।
2. उचित आदेश की अनुपालना में की गई हो।
3. यात्रा हेतु 15 किलोमीटर से अधिक एकतरफा यात्रा की गई हो।

तैयारी।
आप यात्रा हेतु जारी आदेश की प्रति , यात्रा हेतु कार्यमुक्त होने का आदेश तैयार रखे।

प्रक्रिया-
1. इस हेतु आपको सबसे पहले Pay Manager वेबपोर्टल पर जाना पड़ेगा। इस हेतु यू आर लिंक paymanager2.raj.nic.in पर क्लिक करना है।
2. इसके माध्यम से आप यात्रा व्यय पुनर्भरण हेतु अग्रिम कार्यवाही तब कर सकेंगे जब आप को अपनी employee ID व कोड की जानकारी हो।
3. वेबपोर्टल पर अपनी पर्सनल आईडी से लॉगिन करने के पश्चात आप स्क्रीन के लेफ्ट साइड में Employee Corner पर क्लिक करके Employee TA bill को सलेक्ट करे व new bill को सलेक्ट करे।
4. इसके पश्चात आप जब TA BILL sub type
में जाएंगे तो कई ऑप्शन मिलेंगे । आपको नए बिल हेतु TA Bill को सलेक्ट करना है। इसमे आपको यात्रा हेतु आदेश का क्रमांकदिनाँक भरने के बाद प्रपत्र खुलेगा। जिसमे आवश्यक सूचनाए भरी जानी हैं।
5. समस्त रिक्तियों को भरने के पश्चात आप इसका प्रिंट प्राप्त कर ले।
6. इसके पश्चात आप जनरेटेड बिल को अपने कार्यालय/स्कूल को फॉरवर्ड करेंगे। इस हेतु आपको employee corner में employee bill forward को सलेक्ट करना है।
7. फॉरवर्ड करते समय जिस आदेश के तहत यात्रा की थी उस आदेश को अपलोड करना है।
आदेश नही हो तो उस दिन का उपस्तिथि पत्रक अपलोड करना होगा।

कुलकम हेल्पर मानदेय माह वार

mdm के तहत कुककम हेल्पर को देय मानदेय की राशी माह वार

april 2019 -1320₹
may 2019 -396₹
june 2019 -0₹
july 2019 -1320₹
august 2019 -1320₹
sept.2019 -1320₹
oct.2019 -924₹
nov.2019 -1320₹
dec.2019 -1320₹
jan. 2020 -1320₹
feb.2020 -1320₹
march 2020 -1320₹
total -13200 एक सत्र में

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विद्यालय अभिलेख सम्बन्धित समस्त जानकारी एवं पीडीऍफ़



🅿एक राजकीय विद्यालय में रखे जाने वाले अभिलेख व उनकी मदवार सूची।

🅰🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻
एक राजकीय विद्यालय में रखे जाने वाले अभिलेख व उनकी हेडवाइज सूची।
विद्यालयों में सामान्यतः पुराने अभिलेख सुरक्षित एवम सुव्यवस्थित ढंग से नही रखे जाने के कारण, कभी कभी विद्यालय, छात्र, अभिभावक एवम विभाग के सामने गम्भीर परिस्थिति उपस्तिथ हो जाती है, विशेष रूप से तब जबकि कोई अभिलेख माननीय न्यायालय द्वारा तलब कर लिया जाता है। इस लेख में एक सीनियर विद्यालय अथवा कार्यालय द्वारा संधारित अभिलेखों की हेडवाइज सूची लिखी गई है। आधुनिक समय मे वेतन विपत्र पे-मैनेजर द्वारा निर्मित होने के कारण कुछ अभिलेख अब नवीन प्रकार से संधारित किये जाने लगे है।
शीघ्र ही एक आलेख में आपको कार्यालय कार्य प्रणाली के तहत चालू अभिलेख व पूर्ण हो चुके अभिलेखों के रिकॉर्ड को रखने का तरीका आपके लिए प्रस्तुत किया जाएगा-

अ) वितीय एवम लेखा सम्बंधित रजिस्टर:
1. रोकड़ बही (राज्यकोष)
2. रोकड़ बही ( छात्रकोष) जी.ए. 48
3. रसीद बुक रजिस्टर।
4. शुल्क प्राप्ति रजिस्टर।
5. डाक टिकट स्टॉक रजिस्टर। (जी.ए. 114)
6. डाक टिकट व्यय रजिस्टर। (जी.ए. 115)
7. चैक, ड्राफ्ट, मनीऑर्डर प्राप्ति रजिस्टर। (जी.ए. 51)
8. पोस्टल आर्डर, मनीऑर्डर/बैंक ड्राफ्ट प्रेषण रजिस्टर। (जी.ए. 103)
9. त्यौहार अग्रिम वसूली रजिस्टर। (जी.ए. 185)
10. पेशगी रकम का रजिस्टर। (जी.ए. 53)
11. राजपत्रित अधिकारियों का वेतन, भत्ता रजिस्टर। (जी.ए. 73)
12. अराजपत्रित अधिकारियों का वेतन, भत्ता रजिस्टर। (जी.ए. 74)
13. अवितरित वेतन भत्तों का रजिस्टर। (जी.ए. 102)
14. विशेष वसूलियों का रजिस्टर। (जी.ए. 61)
15. यात्रा भत्ता रजिस्टर। (जी.ए. 98)
16. चिकित्सा व्यय पुर्नभरण रजिस्टर।
17. बजट कंट्रोल रजिस्टर। (जी.ए. 19)
18. बिल रजिस्टर। (जी.ए. 59)
19. वाच रजिस्टर फ़ॉर एनकेशमेंट ऑफ बिल्स। (जी.ए. 173)
20. कोष/उपकोष में जमा कराई गई राशि का रजिस्टर। (जी.ए. 58)
21. छात्रवृत्ति वितरण रजिस्टर।
22. ऋणों ओर गरिमा का रजिस्टर। (जी.ए. 185)
23. प्रतिभूति राशि(काशन मनी) रजिस्टर।
24. रेलवे/ट्रांसपोर्ट पार्सल/प्राप्ति व प्रेषण रजिस्टर।
25. दुरभाष(टेलीफोन) रजिस्टर। (जी.ए. 116)
26. महालेखाकार/विभागीय अंकेक्षण दलों द्वारा उठाये गए एतराजों का रजिस्टर।
27. स्थाई सामग्री भंडार रजिस्टर। (जी.ए. 162)
28. स्थाई तथा उपयोज्य सामान का अवदान रजिस्टर।
29. अस्थाई सामग्री भंडार रजिस्टर।
30. विज्ञान, खेलकूद, कृषि-वाणिज्य

ब) संस्थापन सम्बन्धी रजिस्टर:
1. कर्मचारी उपस्थिति रजिस्टर। (जी.ए. 159)
2. संस्थापन रजिस्टर।
3. आकस्मिक अवकाश रजिस्टर। (जी.ए. 160)
4. वेतन वर्द्धि रजिस्टर। (जी.ए. 193)
5. सेवा पुस्तिका/ सेवा रोल रजिस्टर।
6. पेंशन/ग्रेज्युटि/कम्युटेशन ऑफ पेंशन आवेदन प्राप्ति व निर्णय रजिस्टर। (जी.ए. 152)
7. वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन रजिस्टर।
8. अनुशासनात्मक कार्यवाही रजिस्टर।

स) छात्र सम्बन्धी रजिस्टर/पुस्तिका:
1. छात्रोपस्तिथि रजिस्टर।
2. स्कॉलर रजिस्टर।
3. परीक्षा परिणाम रजिस्टर।
4. स्थानांतरण प्रमाणपत्र रजिस्टर।
5. छात्र प्रगति पुस्तिका।
6. छात्र-दण्ड रजिस्टर।
7. शुल्क-मुक्ति पुस्तिका।
8. पुस्तक परिग्रहण रजिस्टर।
9. पुस्तक इश्यू रजिस्टर।
10. छात्र ड्यूज़ रजिस्टर।

द) अध्यापक सम्बन्धी रजिस्टर व पुस्तिका:
1. सार्वजनिक परीक्षा अनुज्ञा रजिस्टर।
2. अध्यापक डायरी।
3. प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य परिवीक्षण पुस्तिका।
4. अध्यापक परीक्षा-फल रजिस्टर।

य) सामान्य रजिस्टर एवम पुस्तिका:
1. आदेश सूचना रजिस्टर।
2. पत्रावली पुस्तिका।
3. पत्र-पत्रिका रजिस्टर।
4. रजिस्टरोंकी विषयवार सूची का रजिस्टर।
5. विद्यालय इतिहास रजिस्टर।
6. पुस्तकालय एवम वाचनालय में पढ़ने आने वालों के हस्ताक्षर का रजिस्टर।
7. पत्र-प्राप्ति रजिस्टर।
8. पत्र-प्रेषण रजिस्टर।
9. अभिदर्शक (विज़िटर्स) रजिस्टर।
10. पत्र-वाहक रजिस्टर।
11. निरीक्षण पुस्तिका।

र) छात्रावास सम्बन्धी पत्रिका:
1. प्रवेश पंजिका।
2. उपस्तिथि पंजिका छात्र/कर्मचारी।
3. रोकड़ बही।
4. स्टॉक रजिस्टर।
5. भोजनशाला लेखा पंजिका।
6. आदेश/सूचना पंजिका।
7. अभिदर्शक पंजिका।
8. स्वास्थ्य जांच पंजिका।
9. प्रतिभूति राशि( काशन मनी) रजिस्टर।

व) प्रमुख पँजिकाये:
1. विद्यालय स्टाफ की व्यक्तिगत पँजिकाये।
2. स्थानांतरण/नियुक्ति/पदोन्नती पंजिका।
3. वेतन भुगतान पंजिका।
4. आय-व्यय पंजिका।
5. अनुशासन कार्यवाही।
6. विभागीय आदेश/परिपत्र।
7. अवकाश (आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त)
8. खेलकूद/स्काउटिंग।
9. सहशैक्षणिक प्रवर्तिया। (प्रत्येक के लिए अलग-अलग)
10. प्रवेश प्रार्थना पत्र।
11. बजट पंजिका। (योजना-योजना भिन्न)
12. छात्रवर्ती/शिक्षण वृतियाँ।
13. विद्यालय भवन/खेलकूद के मैदान।
14. महालेखाकार अंकेक्षण पंजिका।
15. पेंशन पंजिका।
16. विभागीय अंकेक्षण पंजिका।
17. चार्ज रिपोर्ट।
18. वार्षिक सत्यापन।
19. एफवीसी बिल पंजिका।
20. निरीक्षण।
21. छात्र प्रार्थना पत्र।
22. छात्रावास।
23. वार्षिक प्रतिवेदन।
24. विद्यालय योजना।
25. सामग्री क्रय पंजिका। (टेंडर, कोटेशन, मांगपत्र)
26. यात्रा बिल पंजिका।
27. चिकित्सा व्यय परिपूर्ति बिल।
28. उत्सव व समारोह।
29. मासिक संस्थापन रिपोर्ट।
30. अल्प बचत/रेडक्रॉस एवम अन्य मुत्फ़रिर्क पत्रादि।
31. सार्वजनिक परीक्षा पंजिका।
32. समय विभाग चक्र पंजिका।
33. cce की डायरी और पोर्टफोलियो रिकॉर्ड 
34. MDM और दुग्ध वितरण पंजिका 
35. प्रवेशोत्सव और हाउसहोल्ड सर्वे पंजिका 
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🅿एक प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक विद्यालय हेतु आवश्यक अभिलेख संधारण


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किसी भी स्तर के विद्यालय को समस्त रजिस्टरों व अभिलेखों का संधारण नियमानुसार करना आवश्यक है।
प्रत्येक कार्यालय में संधारित अभिलेखों की एक सूची तैयार कर अभिलेख के मुख्य आवरण पर क्रमांक संख्या, नाम, विषय , अवधि सम्बन्धित विवरण दर्ज किया जाता है । अभिलेख के प्रथम पृष्ठ पर उपलब्ध पृष्ठ संख्या का प्रामाणिकरण संस्था प्रधान द्वारा आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए ।
अभिलेखों को उनकी परिरक्षक अवधि हेतु विद्यालय कार्यालय में सम्बन्धित अधिकारियों के अवलोकन एवम् कार्यालय कार्य हेतु सुरक्षित रखा जाना चाहिए ।
अभिलेख में अनावश्यक काँट-छाँट व उपरिलेखन न हो इसके स्थान पर गलत प्रविष्टि को काट कर पुन: लेख किया जाना चाहिए तथा पुन: लेख पर सक्षम हस्ताक्षर किए जाने चाहिए । एक उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालय में विभिन्न
शीर्षकानुसार निम्नलिखित अभिलेखों का संधारण किया जाता है।

सामान्य व वित्तीय लेखा सम्बन्धी

वित्तीय कार्य के सन्दर्भ में रोकड़ बही (छात्र कोष व राजकीय), शुल्क प्राप्ती रजिस्टर, छात्रवृत्ति वितरण रजिस्टर, कर्मचारियों को प्रदत ऋण व अग्रिम वसूली लेखा रजिस्टर, डाक टिकट लेखा रजिस्टर, चेक/ड्राफ्ट मनीआर्डर इत्यादि की प्राप्ति व व्यवस्थापन रजिस्टर, आहरण वितरण अधिकारी को भेजे गए व प्राप्त पास शुदा बिलों का ब्यौरा रजिस्टर, विभागीय अंकेक्षण दलों द्वारा उठाये गये एतराजों का रजिस्टर संधारित किये जाते हैं । वर्तमान में सर्व शिक्षा अभियान व अन्य परियोजनाओं द्वारा विद्यालयों को राशि प्रदान की जाती है, ऐसी राशि को मदानुसार व्यय करते हुए सम्बन्धित कार्यालय द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार एवम् GF & AR नियमानुसार अभिलेख संधारण किए जाने चाहिए ।

स्थायी भण्डार पंजिका, अस्थाई लेखन सामग्री रजिस्टर, स्थाई तथा उपयोज्य सामान का
अवदान रजिस्टर, आदि ।
सामान्य अभिलेख

पत्र प्राप्ति रजिस्टर, पत्र प्रेषण पुस्तिका, पत्र वाहक पुस्तिका, अभिदर्शन पुस्तिका, निरीक्षण
पुस्तिका, आदेश रजिस्टर, स्कालर रजिस्टर, स्थानान्तरण प्रमाणपत्र पुस्तिका, विद्यालय इतिहास पत्रिका, रजिस्टरों की विषयवार सूची, प्रत्येक कक्षा एवं वर्ग हेतु पृथक छात्र उपस्थिति रजिस्टर, स्मरण पत्र जारी करने का रजिस्टर, ACR प्रेषण रजिस्टर ।

शैक्षिक अभिलेख

विद्यालय वार्षिक योजना, अध्यापक डायरी, प्रधानाध्यापक परिवीक्षण पुस्तिका, कक्षा कार्य ,गृहकार्य परिवीक्षण रजिस्टर ।

परीक्षा अभिलेख

परीक्षा परिणाम रजिस्टर, वीक्षण कार्य रजिस्टर, छात्र प्रगति रिकार्ड, परीक्षा सामग्री व्यवस्थापन रजिस्टर।

पुस्तकालय अभिलेख

पुस्तक प्राप्ति रजिस्टर, इश्यू (अवदान) रजिस्टर, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं का रजिस्टर, पुस्तकालय वाचनालय उपयोग हस्ताक्षर रजिस्टर, पाठकों द्वारा प्रस्तुत मांग का ब्यौरा पस्तिका।

अन्य अभिलेख

ग्राम शिक्षा बोर्ड शिक्षा रजिस्टर, ग्राम शिक्षा योजना, शिक्षा से अब भी वंचित सूची, खेलकूद, प्रतियोगिता, त्यौहार, प्रार्थना सभा आयोजन रजिस्टर, सामग्री
रजिस्टर, शिक्षण अधिगम निर्माण रजिस्टर ।

उपरोक्त के अतिरिक्त वर्तमान व्यवस्था में सम्बंधित पीईईओ नवीनतम राजकीय निर्देश/आदेश के अनुसार अन्य प्रकार के अभिलेखों के संधारण हेतु आदेशित कर सकता है।

एक संस्था प्रधान को अभिलेखों की सुरक्षा के प्रति पूर्ण जागरूक रहना चाहिए। अभिलेख परिरक्षण अवधि के उपरांत भी स्वयम के स्तर पर अभिलेख नष्ट नही करना चाहिए बल्कि इस क्रम में सक्षम अनुमति अवश्य प्राप्त करनी चाहिए।

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🅿स्कूल अभिलेख: अर्थ:-

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अभिलेख से अभिप्राय है किसी योजना का लिपिबद्ध रिकार्ड अर्थात् किसी काम के लेने-देने संबंधी रिकार्ड को अभिलेख करते हैं। यह अभिलेख यदि स्कूल से संबोधित है तब इसे स्कूल अभिलेख कहा जाता है। स्कूल से संबोधित से अभिप्राय है कि स्कूल मे विभिन्न पक्षों- शिक्षक, छात्र, कर्मचारी, छात्र- प्रवेश, परीक्षा, पुस्तकालय और शैक्षिक एवं सह- शैक्षिक गतिविधियों आदि की प्रगति का नियमित लेखा जोखा रखना है। इससे स्कूल के संबंध मे विविध पक्षों की जानकारी मिलती है। इन सब रिकार्डो को अभिलेख कहा जाता है , (साहिल सर द्वारा प्रस्तुत)
स्कूल की सफलता हेतु शिक्षक, छात्र, अभिभावक और सरकारी संस्थाओं आदि मे समन्वय स्थापित करना होता है, इस समन्वय हेतु अनेक लेखे-जोखे एवं रिकॉर्डस रखने होते हैं। इन रिकॉर्डस से पता चलता है कि स्कूल का इतिहास क्या है, स्कूल की प्रगति कैसे की और विकास की दशा क्या रही।
अतः स्कूल की स्थापना मे समाज महत्वपूर्ण पक्ष है। इसके स्थायित्व के लिए आवश्यक है कि स्कूल का अपना कोई इतिहास हो, परंपराएँ हो। इन सबके लिए आवश्यक है कि स्कूल का लेखा जोखा नियमित रखा जाए।

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🅿स्कूल अभिलेख रख-रखाव के उद्देश्य:-👁‍🗨

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स्कूल एक सामाजिक संस्था है जो छात्रों के प्रति, अभिभावक के प्रति, सरकार और समाज के प्रति उत्तरदायी है। इसलिए स्कूल को अभिलेख, प्रतिवेदन एवं रजिस्टर आदि रखने होते हैं। इन रजिस्टर और प्रतिवेदनों से स्कूल के विकास का पता चलता है।
अतः स्कूल रिकॉर्डस के रख-रखाव जो विभिन्न उद्देश्य को हम निम्नलिखित रूप में देख सकते हैं।
1. स्कूल रिकार्ड के द्वारा स्कूल की वित्तीय स्थिति और संपत्ति का पता करना और अनुदान का उपयोग एवं संसाधनों का पता करना।
2. स्कूल शैक्षिक नियोजन के आधार होते हैं और इसके आधार पर भावी योजना का निर्माण संभव होता है यह राज्य सरकार के नियमों के आधार पर कार्य करने का प्रमाणीकरण होना।
3. स्कूल संसाधनों का प्रभावपूर्ण संगठन करना और लक्ष्य की प्राप्ति करना।
4. छात्रों की प्रगति से उनके अभिभावकों तथा अन्य संबंधित व्यक्तियों को अवगत करवा।
5. छात्रों का मूल्यांकन और क्रमोन्नति का आधार होना।
6. स्कूल की स्थापना, विस्तार, क्रमिक विकास, उत्थान व पतन का पता चलता है।
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🅿स्कूल रिकॉर्डस रख-रखाव की आवश्यकता:- 👁‍🗨

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स्कूल को सुव्यवस्थित, सुचारु और कुशलतापूर्वक  संचालित करने के लिए एक कार्यलय की आवश्यकता होती है। इस कार्यालय मे विविध प्रकार के रजिस्टर और विवरण आदि लेखे-जोखे को सुरक्षित रखा जाता है ताकि रिकॉर्डस मे छात्रों के विषय में पूर्ण विवरण उपलब्ध हो सके। इसलिए इन्हें सुरक्षित रखने की नितांत आवश्यकता है। रिकॉर्डस की रख-रखाव की आवश्यकता को हम निम्नलिखित रूप में देख सकते हैं।
1. छात्रों के विषय में और स्कूल के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए रिकॉर्डस की आवश्यकता होती है।
2. स्कूल का आय-व्यय का विवरण जानने के लिए रिकॉर्डस रखने की आवश्यकता होती है।
3. भौतिक सत्यापन एवं मानवीय संसाधनों का ज्ञान प्राप्त करने की दृष्टि से रिकॉर्डस की आवश्यकता होती है।
4. किसी प्रकार के शैक्षिक अनुसंधान के लिए रिकॉर्डस की आवश्यकता होती है बिना रिकॉर्डस के शैक्षिक अनुसंधान असंभव है।
5. रिकॉर्डस ही वे आधार है जिनके द्वारा सरकारी नियमों और उपनियमो आदि का ज्ञान प्राप्त होता है। छात्रों की रुचि व रुझान का  ज्ञान भी रिकॉर्डस से प्राप्त होता है। अतः रख-रखाव की अत्यंत आवश्यकता होती है।

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🅿स्कूल अभिलेखो के प्रकार:- 👁‍🗨

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स्कूल मे अनेक गतिविधियाँ संचालित रहती है। इन गतिविधियों से संबंधित सूचनाएँ भी अलग अलग होती है। इसलिए अभिलेख भी अनेक प्रकार के होते हैं। अतः स्कूल मे मुख्य रूप से रखे जाने वाले अभिलेखो को निम्नलिखित रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है।
1.छात्र अभिलेख:- इन अभिलेखो में छात्रों की संख्या, नाम, आयु, पता, विषयवार, एवं कक्षानुसार संख्या, आदि विविध सूचनाओं का संकलन किया जा सकता है।
2. प्रशासनिक अभिलेख:-
ये वे अभिलेख है जिनमे स्कूल का इतिहास, स्कूल के उद्देश्य, आदेश, विकास और सेवा की स्थितियाँ, परिस्थितियां तथा राजकीय विभागों से पत्र व्यवहार आदि का संकलन किया जाता है
             
3. शैक्षिक अभिलेख:-
इन अभिलेखो मे मुख्य रूप से शिक्षक उपस्थित रजिस्टर, छात्र उपस्थित, छात्र प्रवेश एवं छोड़ने का रजिस्टर, छात्रों की मासिक प्रगति, दंड का रजिस्टर, स्थानांतरण रजिस्टर, आंतरिक परीक्षा, अंक रजिस्टर,परीक्षाफल रजिस्टर और शिक्षक कार्य का मासिक रिकॉर्ड आदि सम्मिलित हैं।
4.वित्त संबंधी अभिलेख:-
वित्त संबंधी अभिलेखो में फीस रजिस्टर, आकस्मिक राशि, कैश बुक, वेतन बिल रजिस्टर, दान, अनुदान रजिस्टर, छात्रवृत्ति रजिस्टर, आदि सम्मिलित रहते हैं।
5.सामान्य अभिलेख:-
इन अभिलेखो में- स्कूल कैलेंडर, निरीक्षण पुस्तिका, लाँगबुक, विजिटरस बुक दर्शकों की विवरण पुस्तिका आदेश संबंधित रजिस्टर, भवन संबंधी का रजिस्टर, शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा संबंधी रजिस्टर आदि सम्मिलित हैं।

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🅿अभिलेख रख-रखाव की समस्या और सुझाव :-👁‍🗨

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अभिलेखो के रख-रखाव की मुख्य समस्याओं को लिखित रूप में देख सकते हैं

1. इन अभिलेखो का मूल्यांकन कौन करें, मूल्यांकन समिति द्वारा किया जाये या शिक्षक अथवा प्रधानाधयापक द्वारा किया जाए, जानकारी स्पष्ट रूप से दी जानी चाहिए।
2. अभिलेखो का विश्लेषण करने के पश्चात छात्रों की माँनिटरिंग किस प्रकार की जा रही है। यह स्पष्ट होना चाहिए अन्यथा अभिलेख रख-रखाव का लाभ नहीं मिल पाएगा।
3. भौतिक संसाधनों संबंधी अभिलेखो की जाँच की व्यवस्था अवश्य की जानी चाहिए। इसकी नियमित जाँच कौन करेगा। यह स्पष्ट होना चाहिए।
4. अभिलेखो को उचित प्रकार से रख-रखाव की व्यवस्था क्या है।
अभिलेख रख-रखाव संबंधी सुझाव:-
अभिलेखो का रख-रखाव करना एक कला ही नहीं विज्ञान भी है। यह सब कार्य वैज्ञानिक तरीके से व्यवस्थित रूप मे करना चाहिए और यह व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि अभिलेखो को ढूँढने मे किसी प्रकार की कठिनाई या असुविधा नहीं हो ।

अभिलेखो के रख-रखाव के समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

1. फाइल का नंबर सुनिश्चित करना चाहिए।
2. प्रत्येक रजिस्टर पर क्रमांक मुख्य पृष्ठ पर सुपाठ्य शब्दों में लिखा होना चाहिए
3. एक फाइल मे एक विषय हो और सभी अभिलेखो को एक अलमारी या सुरक्षित ताले मे बंद करके रखा जाना चाहिए।
यदि अभिलेख मे कोई विवरण काट कर सही किया गया है तो उसके स्थान पर अधिकारी के हस्ताक्षर हो, और कोई भी पृष्ठ फाड़ा नही जाना चाहिए।

5.रजिस्टर और फाइलो की संख्या पर्याप्त हो, सभी की एक सूची हो और रजिस्टर के पृष्ठों पर संख्या डाली जानी चाहिए।

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