प्रेरक प्रसंग
गन्ने जैसा राजा
राजा कृष्णदेव राय का तेनालीराम के प्रति लगाव दरबारियों से छुपा नहीं थी। ईर्ष्या के मारे कुछ दरबारियों की रातों की नींद और दिन का चैन हराम हो गये थे। किस प्रकार राजा को राजविदूषक से दूर करें, यही वे हर पल सोचते रहते थे।
एक रोज उन सभी ईष्र्यालु दरबारियों ने मिलकर राजा कृष्णदेव राय से फरियाद की, महाराज, आप जब भी दौरे पर जाते हैं, तो तेनालीराम को अपने साथ ले जाते हैं। एक बार हमें भी तो मौका देकर देखिए।
राजा ने उनकी बात मान ली और अगली बार उन्हें मौका देने का वादा किया।*
कुछ दिन बाद राजा को...